चंडीगढ़ की 200 करोड़ की 33 एकड़ जमीन को मुफ्त के भाव कृषि के लिए लीज पर देना बंद करें : प्रेम गर्ग
Stop leasing out 33 acres of Chandigarh land
चंडीगढ़ में भ्रष्टाचार में तेजी
चंडीगढ़। आप नेता ने चंडीगढ़ के पंजाब की सीमा से सटे गांवों में स्थित 33 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत 200 करोड़ रुपये से अधिक है, को कृषि के लिए लोगों को महज 10 लाख रुपये प्रति वर्ष के कौड़ियों के भाव से लीज पर देने के नगर निगम के कदम की आलोचना की है। उन्होंने संदेह जताया है कि नगर निगम के अधिकारी भू-माफियाओं के हाथों में खेल रहे हैं, जो शहर की कीमती जमीन को हड़पना चाहते हैं। उनका कहना है कि एक बार पांच साल के लिए लीज पर दिए जाने के बाद, इस जमीन को कब्जाधारियों से खाली कराना लगभग असंभव हो जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि इस बेशकीमती जमीन को लीज पर देने के बजाय नगर निगम खुद कृषि वानिकी करने पर विचार कर सकता है। उन्होंने आशंका जताई है कि इन जमीनों का अभी तक स्पष्ट रूप से सीमांकन नहीं किया गया है और ये पंजाब की सीमा से सटी हैं, इसलिए इन पर लंबे समय तक मुकदमेबाजी चलती रहेगी।
उन्होंने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित किया है कि यह सब कितनी तेजी से हो रहा है। एजेंडा पारित होने के तीन दिन बाद ही 200 करोड़ की जमीन महज 10 लाख रुपये प्रति वर्ष की दर से भू-माफिया को सौंप दी गई। ऐसा लगता है कि यह नगर निगम की पहले से ही तय चाल है, जिसमें नीलामी के लिए सिर्फ तीन कार्य दिवसों की सार्वजनिक सूचना दी गई है।